भारत 7 प्रतिनिधिमंडलों को भेजेगा वैश्विक दौरे पर, लाभ-हानि की गणना

आशीष शर्मा (ऋषि भारद्वाज)
आशीष शर्मा (ऋषि भारद्वाज)

भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक बड़ा कूटनीतिक अभियान शुरू किया है जिसमें 7 सांसदीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग देशों की यात्रा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य सीमापार आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की स्थिति को स्पष्ट करना और वैश्विक समर्थन जुटाना है।

ISRO का EOS-09 मिशन विफल, PSLV-C61 की तीसरी स्टेज में आई तकनीकी खामी

इस योजना की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर साझा की। उन्होंने इस अभियान में भाग लेने वाले सांसदों की पूरी सूची भी जारी की है, जिनमें बीजेपी, कांग्रेस, एआईएमआईएम, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस और एनसीपी (एससीपी) समेत कई दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

Benefits of Operation Sindoor

1. भारत की वैश्विक छवि को मज़बूती

  • यह दिखाता है कि भारत सीमापार आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ अंदरूनी कार्रवाई ही नहीं कर रहा, बल्कि दुनिया को भी सक्रिय रूप से साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है।

  • इससे भारत की छवि “आतंक के शिकार” से आगे बढ़कर “आतंक के ख़िलाफ़ वैश्विक लीडर” के रूप में स्थापित हो सकती है।

2. राजनीतिक दलों की एकजुटता का प्रदर्शन

  • सभी दलों (बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम, शिवसेना, DMK आदि) को शामिल करना सर्वदलीय एकता दिखाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज़ अधिक विश्वसनीय बनती है।

3. रणनीतिक साझेदारों के साथ सहयोग

  • यह मिशन संभावित रूप से सुरक्षा सहयोग, खुफिया साझेदारी और रक्षा निवेश के नए रास्ते खोल सकता है।

  • देशों से सांझा बयान या समर्थन मिलने की स्थिति में पाकिस्तान और उसके समर्थकों पर वैश्विक दबाव बनेगा।

4. UNSC और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन बढ़ेगा

  • इससे भारत को UNSC स्थायी सदस्यता, FATF जैसे मंचों पर अधिक सहयोग मिल सकता है।

Drawbacks/Risks

1. राजनीतिक दिखावा कहे जाने का खतरा

  • यदि इसके परिणाम ठोस नहीं निकले, तो विपक्ष इसे “डिप्लोमेटिक ड्रामा” कह सकती है।

  • मिशन के दौरान कोई असंवेदनशील या विवादास्पद बयान आया, तो वह भारत की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

2. पड़ोसी देशों की प्रतिक्रिया

  • पाकिस्तान निश्चित रूप से इसे भारत द्वारा उसकी छवि खराब करने की कोशिश बताएगा और मुस्लिम देशों के साथ भारत के संबंधों को बिगाड़ने की कोशिश करेगा।

  • चीन जैसे देश भी इसका राजनीतिक फायदा उठाकर भारत के प्रभाव को कमज़ोर करने की कोशिश कर सकते हैं।

3. आंतरिक राजनीति में ध्रुवीकरण

  • विपक्ष इसे सरकार की छवि चमकाने की रणनीति बता सकता है, जिससे राष्ट्रीय मुद्दे पर एकता टूट सकती है

Impact on Indian Politics

सकारात्मक असर नकारात्मक असर
सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा पर सख्त छवि मिलती है अगर कोई मिशन विफल रहा, तो सरकार की आलोचना होगी
विपक्ष को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बोलने का अवसर मिलेगा यदि विपक्षी नेता बयानबाज़ी करते हैं, तो घरेलू विवाद खड़े हो सकते हैं
चुनावों में सरकार इस मिशन का प्रचार कर सकती है “राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश” का आरोप लग सकता है

सकारात्मक प्रभाव:

  • भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

  • भारत एक “Responsible Power” के रूप में उभरेगा।

  • UNSC, G20, BRICS, SCO जैसे मंचों पर भारत की नैतिक स्थिति मजबूत होगी।

नकारात्मक प्रभाव की आशंका:

  • यदि मिशन राजनीतिक रूप से विभाजित दिखे, तो भारत की छवि भीतरू संघर्ष से ग्रस्त लोकतंत्र जैसी दिख सकती है।

  • Human Rights, Kashmir या अल्पसंख्यक मुद्दों पर सवाल उठ सकते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर भारत की एक रणनीतिक कूटनीतिक पहल है जो सीमापार आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने और वैश्विक समर्थन प्राप्त करने का प्रयास है। अगर इसे एकजुटता, प्रोफेशनलिज़्म और स्पष्ट रणनीति से अंजाम दिया गया, तो यह भारत की वैश्विक स्थिति को अगले स्तर पर ले जा सकता है

परंतु अगर यह केवल राजनीतिक इवेंट बनकर रह गया या इससे जुड़े नेताओं ने गैर-जिम्मेदार व्यवहार किया, तो यह देश की साख और विदेश नीति दोनों को नुकसान पहुँचा सकता है।

पाकिस्तान की चूलें हिलाने निकला ऑपरेशन सिंदूर! भारत ने निकाली 40,000 करोड़ की हथियारों की लिस्ट

Related posts